प्रेम" MY QUOTES
- Archana Anupriya
- Sep 26, 2020
- 1 min read
दूर दूर तक कोई नहीं है..
मैं हूँ,कोहरा है और ख्याल तुम्हारा..
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पलकें उठीं और पलकें झुकीं
इतनी ही सी बात पर
बरबाद हुए हैं हम...
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पलकें झुकाकर छुपाती हूँ सबसे..
निगाहों में इस कदर बसते हो तुम..
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मैं उसकी नजरों के अंदाज पर फिदा था..
वो मुझे नजरअंदाज करने पर आमादा
थी..
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जरा थम जा....ऐ बारिश..
कोई उसे छू ले...
मुझे अच्छा नहीं लगता...
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ये बारिश की बूँदों में प्रेम का रस,
ये हाथों में पैमाना शराब का..
इन आँखों में तस्वीर यार की,
हाथ में खत यार के जवाब का..
लगता है ईमान कुछ बहका-बहका सा है...
©अर्चना अनुप्रिया
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