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भावों की चयनि का by Archana Anupriya

भावों की चयनिका
- Archana Anupriya
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"ढाई अक्षर प्रेम के"
“ढाई अक्षर प्रेम के” अबकी श्रावण मास ने आते ही प्रेम के गुलाब बरसाये…पंखुड़ियां अभी भी मेरी रूह से चिपकी महक रही हैं।भोले बाबा ने इस...
Archana Anupriya
Aug 186 min read
"रक्षाबंधन"
"रक्षाबंधन" पूरे शहर में कर्फ्यू लगा था। सारी दुकानें बंद, स्कूल कॉलेज बंद... अजीब से हालात थे...यहाँ तक कि मंदिर-मस्जिद भी जाने की किसी...
Archana Anupriya
Aug 92 min read
"रोष प्रकृति का,दोष मनोवृत्ति का"
“रोष प्रकृति का,दोष मनुवृत्ति का” अभी उत्तराखंड के समाचार देखना शुरू ही किया था कि विज्ञापन आ गया।मन क्षुब्ध हो गया। फिर गूगल पर पढ़ना...
Archana Anupriya
Aug 84 min read
"युवा पीढ़ी के भटकाव को रोक सकते हैं स्वामी विवेकानंद जी के विचार"
“ युवा पीढ़ी के भटकाव को रोक सकते हैं स्वामी विवेकानंद जी के विचार” आज दुनिया के हर माता-पिता को इस बात से शिकायत है कि उनके बच्चे उनकी...
Archana Anupriya
Jul 37 min read
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