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भावों की चयनिका by Archana Anupriya


Diary
"रोष प्रकृति का,दोष मनोवृत्ति का"
“रोष प्रकृति का,दोष मनुवृत्ति का” अभी उत्तराखंड के समाचार देखना शुरू ही किया था कि विज्ञापन आ गया।मन क्षुब्ध हो गया। फिर गूगल पर पढ़ना...
Archana Anupriya
Aug 84 min read
डायरी मन की--"हादसा? लापरवाही?साजिश?बदला?या संतुलन?"
हादसा? लापरवाही?साजिश? बदला?या संतुलन? आये दिन जो कुछ भी अच्छा या बुरा घटित होता है उसके पीछे मनुष्यों के कर्म उत्तरदायी हैं या ईश्वर की...
Archana Anupriya
Jun 144 min read
डायरी मन की-"अर्द्धशतक"
"अर्द्धशतक ” उम्र क्या है? गिनती है उन दिनों की, जिस दिन से हम इस धरती पर आए हैं। जो जितना पुराना होता जाएगा,वह जीवन का हर रुख उतना ही...
Archana Anupriya
Jun 62 min read


"हॉस्टल का खाना..क्या फिट था वो जमाना..!"
“हमारे हॉस्टल का खाना.. क्या फिट था वो जमाना..!” आज अचानक व्हाट्सएप पर हमारे हॉस्टल के खाने की बात चली तो एक अजीब मीठा सा अहसास मुँह में...
Archana Anupriya
May 13, 20244 min read


"अच्छा तो हम चलते हैं.."
“अच्छा.. तो हम चलते हैं..” (पुस्तक-मेला डायरी..१८/०२/२०२४) पुस्तक मेला विदा लेने को है..उत्साही उछलती मुस्कुराती किताबें थोड़ी बुझे मन से...
Archana Anupriya
Feb 18, 20242 min read
"मेरी वेलेंटाइन--किताबें"
"मेरी वेलेंटाइन--किताबें.." जब सरस्वती पूजा और प्रेम दिवस साथ-साथ आये तब पढ़ने पढ़ाने का उत्साह बढ़चढक़र आनंदित करता है...मेरे लिए तो किताबें...
Archana Anupriya
Feb 17, 20243 min read


"हाय ये मौसम..गर्मी में दे सर्दी का अहसास"
हर सर्दी में एक पोस्ट व्हाट्सएप पर बहुत बार आता रहता है.. “ ऐ ठंड इतना ना इतरा* हिम्मत है तो मई-जून में आ कर दिखा" इन्सानों के इस चैलेंज...
Archana Anupriya
May 4, 20231 min read
"उफ...ये गर्मी"
इस गरमी का क्या करें साहिब..गाड़ी अभी स्टार्ट ही हुई थी कि गियर सीधा चौथे नम्बर का लग गया।39-40 डिग्री तापमान दिखा रहा है दिल्ली के मौसम...
Archana Anupriya
Apr 20, 20233 min read


"जीने का सार...अपनाना या जानना"
किसी चीज को अपनाना और उसे जानना--दो अलग-अलग बातें हैं। जब हम किसी चीज को अपनाते हैं तो..बस अपनाते हैं।उसकीअच्छाइयाँ,बुराइयाँ,कीमत,उसके...
Archana Anupriya
Jul 19, 20222 min read


"जाने कहाँ गए वे रविवार"
" "राजूssss..बेटा ऊपर से बैग उतार दे न..जल्दी से सफाई करके नहाने जाऊँ..बाल भी धोने हैं,फिर खाना बनाने में देर हो जायेगी.." "आ रहा हूँ...
Archana Anupriya
Jun 19, 20225 min read


"अनोखा बंधन"
न जाने किस जन्म का कौन सा संबंध था भूरी का माँ के साथ कि हम तीन भाई-बहनों के साथ भूरी भी माँ की चौथी संतान बन गई थी। सफेद और काले रंग के...
Archana Anupriya
Jun 8, 20229 min read
Diary 1/03/2022
अच्छा लगता है जब अचानक किसी प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर आप सफल होते हैं..भगवान भोलेनाथ के आशीर्वाद से "वीमेन आवाज मातृभाषा उन्नयन...
Archana Anupriya
Mar 2, 20221 min read


"हमारे हॉस्टल का शनिवार"
शनिवार का दिन.. कुछ खास था यह दिन हमारे हॉस्टल के लिए..इस दिन हॉस्टल में पढ़ाई का 'ऑफ डे' होता था यानि स्टडी-बेल नहीं होती थी।लड़कियों को...
Archana Anupriya
Feb 20, 20225 min read
मन की बात/25-12-2020
कहने को तो वर्ष के अंतिम हफ्ते से गुजर रहे हैं दिन…. पर देखा जाये तो वक्त अभी भी फरवरी-मार्च के महीने में ही भटक रहा है।ये ही वे दिन हैं...
Archana Anupriya
Dec 25, 20201 min read


"दहशत और अनुभवों का साल..2020"
जिंदगी में सब कुछ हमेशा एक सा नहीं रहता। हर पल, हर दिन, हर वर्ष कोई न कोई बदलाव होता रहता है- कभी अच्छा, सुकून भरा तो कभी बुरा, दहशत...
Archana Anupriya
Dec 23, 202013 min read
20 दिसम्बर,2020
रविवार की शाम एक सुखद अहसास लेकर आयी जब कोरोना की दहशत के बीच अंतरा शब्दशक्ति प्रकाशन ने मध्यप्रदेश के वारासिवनी में डिजिटली लाईव आकर...
Archana Anupriya
Dec 20, 20201 min read


याद है ब्लेड से पेंसिल छीलना...?
याद कीजिए वो समय, जब आधुनिक कटर इतनी प्रचलन में नहीं थी और हम सब अपनी पेंसिल की नोंक ब्लेड से छीलकर बनाया करते थे। उन दिनों में पिता का...
Archana Anupriya
Sep 16, 20202 min read


"कलम के सिपाही सम्मान,2020"
हिन्दी साहित्य की वरिष्ठ रचनाकार आदरणीया ममता कालिया दीदी के निर्णय से अभिभूत हूँ कि उन्होंने प्रेमचंद जयंती के अवसर पर गृहस्वामिनी...
Archana Anupriya
Aug 15, 20201 min read


Archana Anupriya
Aug 11, 20200 min read
एक पाती स्वयं के नाम"28/07/2020
मेरी प्रिय सहेली, बहुत सारा स्नेह उम्मीद करती हूँ कि स्वयं को पत्र लिखते हुए तुम्हें बहुत खुशी हो रही होगी।खुद से की हुई बातों को शब्दों...
Archana Anupriya
Jul 29, 20202 min read
जुलाई 26/2020
मनुष्य एक संवेदनशील सामाजिक प्राणी है और उम्मीदों पर ही जिंदा है..उम्मीदें चाहे अपनी जिंदगी से हो या किसी और से। रिश्ते मनुष्य के जीवन की...
Archana Anupriya
Jul 26, 20201 min read


जुलाई 12/2020
ढलती शाम का सुर्ख आसमान... धरती से गले मिलता, थोड़ा लजाता...चारों ओर रंग-बिरंगी छटा..मानो किसी बच्चे ने खाली कैनवास पर रंग बिखेर दिये...
Archana Anupriya
Jul 18, 20201 min read


जून 10/ 2020
"बेबस, बेचारा कान" पहले चश्मा और अब मास्क - खूँटी ही समझ लिया है क्या तुम सबने..? मुँह तो ढककर बचा लेते हो पर हमारा क्या..?उफ्फ्फ.....
Archana Anupriya
Jul 18, 20201 min read


मई 9/ 2020
"चाँद से गुफ्तगू" कल पूनम के चांद पर मन जा अटका। बड़ी सी गोल बिंदी जैसा... प्रकृति मानो सितारों से भरी चुनरी पहने,बड़ी सी बिंदी लगाए मुझे...
Archana Anupriya
Jul 18, 20203 min read
जून 21/ 2020
11:30 PM हवा में उड़ती हुई छवियाँ एक छोटे से आयताकार डिवाइस में आकर एक दूसरे से मिलीं और हवा में कोई खुशबू सी फैल गयी...ऐसा लगा मानो हम...
Archana Anupriya
Jul 18, 20202 min read
फरवरी 14/ 2020
जिंदगी दिनों, महीनों, सालों का सफर नहीं, यादों का सफर है।तमाम उम्र यादों का एक काफिला हमारे साथ चलता है।असंख्य यादों में कुछ मीठी सी...
Archana Anupriya
Jul 18, 20201 min read
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