"2020 की पीड़ा"
- Archana Anupriya
- Dec 28, 2020
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इतिहास साक्षी रहेगा मेरा
सदियों तक कराहेंगे लम्हें
वो जो दर्द देकर जा रहा हूँ
इंसानों को और वक्त को
जब भी उसकी सहोगे टीस
नफरत से याद करोगे 2020
कलयुग के इस महासमर में
आईने की भूमिका मिली है मुझे
फिर,कीमत तो चुकानी ही होगी
नफरत का पत्थर तो सहना ही होगा
सच दिखाना आसान भी तो नहीं
जिद्दी,लाईलाज रक्तबीज सा दैत्य
भेजा है प्रकृति ने शक्ति परीक्षण के लिए
अपने संतुलन और नवीकरण के लिए
सिर्फ तुम ही नहीं,आहत हूँ मैं भी
अपनी इस दरिंदगी के लिए
समय साक्षी बनेगा इस बात की
कि मैंने बहुत कुछ सिखाया भी है
मजबूत किया है तुम्हारा कँधा
विश्वास जगाया है तुम्हारा फिर से
वजह दी है तुम्हें मैंने कि
जरा रुक कर खुद भी संभल सको
अब चलता हूँ कि नया सवेरा
खड़ा है फिर से द्वार पर
उठकर उसे गले लगा लो
बढ़ो आगे अब वक्त की पुकार पर
कर सको अगर तो क्षमा कर दो
लाचार रहा मैं भी तुम्हारी तरह
क्या करें हम भी..?
वक्त के बंधुआ मजदूर हैं हम..
©अर्चना अनुप्रिया
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