top of page

माँ का पद

  • Writer: Archana Anupriya
    Archana Anupriya
  • Jul 23, 2020
  • 1 min read

जीवन के उतार-चढ़ाव भरे रास्तों में एक पद ऐसा भी है इस संसार में जिसकी प्रतिष्ठा की खातिर वो ईश्वर भी अत्यंत आतुर हैं और नम्र हैं व्यवहार में…

एक पद,जो जननी का, मां का है एक ओहदा,जो इन्सान जनता है एक प्रतिष्ठा, जो भावना से, रूह से जुड़ा है एक अतुलनीय सम्मान,जो सृजन करता है…

मां का ओहदा है संसार में सबसे बड़ा यह ईश्वर-तुल्य है और आदरणीय है कर्तव्यों से भरा है जीवन हर मां का यह अत्यंत प्रेरणादायक है, अनुकरणीय है…

दुनिया का हर पद अपने नशे में मस्त है हर पद में अधिकार है, अहंकार है मां का ओहदा तो विनम्रता की मिसाल है मां के पद में बस त्याग है, अत्यधिक प्यार है…

हम सब का है यह परम उत्तरदायित्व मां का सम्मान करें, और ध्यान रखें इस पद से जुड़ी है ईश्वर की परम प्रतिष्ठा इस पद की गरिमा बढ़ायें, उनका मान रखें…।


सौजन्य :पुस्तक "और खामोशी बोल पड़ी"

Recent Posts

See All
"जंगल की संसद"

"जंगल की संसद" वन की संसद का अधिवेशन था  कई झमेलों का इमरजेंसी सेशन था  सारे पशु पक्षियों का मानो लगा हुआ था मेला... हर एक अपनी शिकायतों ...

 
 
 

Comments


bottom of page