"हे मंगलमूर्ति, गजानना.. "
- Archana Anupriya
- Aug 23, 2020
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शिव-पार्वती के लाला
मंगलमूर्ति गजानना
मातु की आज्ञा पालन हेतु
अपना शीश भी कटा लिया..
चरणों में माता-पिता के
बसते जिनके चारों धाम
सिखाया सबको कि ईश्वर मान
मात-पिता को करो प्रणाम..
प्रिय है मोदक,लड्डू तुझको
हे गणपति,हे दयावंत
हम सब पर तुम कृपा करो
तेरी महिमा है अनंत..
सबकी दुःख-बाधा हरे तू
गणेश विघ्नहर्ता कहायें
मन-ध्यान से पूजा करें जो
तेरे हर भक्त बुद्धि पायें
हे गणपति, तू मंगलमूर्ति
हर काम से पहले तेरा ध्यान
तू ही प्रथम ईश्वर कहलाये
तुझे ये ब्रह्मा का वरदान..
कृपा करो हे बुद्धिविधायक
धरती हूँ मैं तेरे चरण
सफल करो हर कार्य मेरे
जोड़ दोनों कर करूँ वंदन..
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